वशीकरण मंत्र

वशीकरण मंत्र एक पुरुष या महिला के व्यक्तित्व, सोच, पसंद और नापसंद को पूरी तरह से अपने अनुसार ढालने का एक वैदिक स्रोत है। यद्यपि यह भारतीय धार्मिक परंपराओं में एक पुराना अनुष्ठान है, यह अक्सर आज प्यार को आकर्षित करने के साथ जुड़ा हुआ है और इसे अक्सर ज्योतिष (वैदिक ज्योतिष) और यहां तक कि गुप्त रूप से इस अंत तक नियोजित किया जाता है। वशीकरण मंत्र को कभी-कभी कुछ हलकों में प्रेम मंत्र के रूप में जाना जाता है।

वशीकरण मंत्र कैसे काम करता है?

वशीकरण मन्त्रों का प्रयोग पौराणिक काल से होता रहा है और आज के आधुनिक युग में भी वशीकरण मन्त्रों के प्रयोग और वशीकरण मन्त्रों की लोकप्रियता जरा भी कम नहीं हुई है।
वशीकरण मन्त्रों का परिणाम आप तीन प्रकार से प्राप्त किया जा सकता है
१. मात्र वशीकरण मन्त्रों के जाप से
२. वशीकरण मंत्र के साथ तंत्र सामग्री के प्रयोग से।
३. त्राटक विद्या की सिद्धि प्राप्त योग्य तांत्रिक द्वारा वशीकरण अनुष्ठान करवाना।

मुख्यतः किस काम के लिए वशीकरण मंत्र का प्रयोग होता है?

किसी अन्य व्यक्ति के स्नेह को आकर्षित करने के लिए, विवाह में किसी का हाथ मांगना, या टूट चुके विवाह या प्रेम संबंध को पुनर्जीवित करने के लिए एक विशिष्ट वशीकरण अनुष्ठान किया जाता है। वशीकरण का अनुष्ठान केवल अपने शुद्धतम रूप में अच्छे के लिए किया जाता है, हालांकि कुछ लोग किसी व्यक्ति या परिस्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए इसका उपयोग करना चाहते हैं।

एक निर्दिष्ट संख्या में मंत्र को केवल एक निश्चित संख्या में दोहराने के लिए पर्याप्त हो सकता है, या परंपरा के आधार पर मंत्र से जुड़े भगवान के लिए भोजन और पूजा की वस्तुओं को लाना आवश्यक हो सकता है। वांछित व्यक्ति से संबंधित वस्तु लाना, जैसे कपड़ों का एक लेख या बालों का एक कतरा, भी प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है।

वशीकरण मंत्र के प्रयोग हेतु एक वशीकरण विशेषज्ञ, आध्यात्मिक गुरु, या ज्योतिषी की सहायता के लिए अक्सर अनुरोध किया जाता है।

वशीकरण मंत्र, यंत्र और तंत्र

“मन्त्र; यन्त्र ओर तंत्र -यह तीनों शब्द वैदिक संस्कृत के हैं अतएव कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि वैदिक काल से ही मान्त्रिक, यास्त्रिक ओर तान्त्रिक प्रचलन हुआ है, परन्तु मेरा अनुमान है कि यह तीनों विषय वैदिक काल से भी पूर्व प्रचलित थे, यदि कोल, भील ओर द्राविड़ आदि जातियों को इतिहास कार वैदिक काल से पूर्व का मानते हैं तो वे लोग अब भी उसी अपनी भाषा ओर रीति के अनुसार साध- नायें करते हैं ओर कहना ने होगा कि “समय कह- लाने वाली जातियों की समता में अधिक तथा तात्का- लिक सफलता प्राप्त करते हैं। कोई भी व्यक्ति अभी गौडवाने के प्रान्त में जाकर इसका प्रत्यक्ष प्रमाण पा सकता है।

वेदों में अधिकतर मन्त्रों का ही बाहुल्य हे, परन्तु वे सभी मंत्र आत्म-कल्याण लोक और परलोक के हित की दृष्टि से रचे गए हैं। वे महानतम हैं ओर परम तत्व [ ईश्वर ] के अनुरोधक हैं; या यों कहिये कि उनमें इतनी शक्ति है जो अवश्य ओर अवध्य बह्म को भी वशीभूत सा बना कर अपनी कामनायें पूर्ण करा सकते हैं, अतएव मन्त्र वह प्रभावशाली शब्द या शब्दसमृह कहा जा सकता है, जिसका नियमानुसार जाप करने से वांद्धित कार्य सफल हो जाते हैं।

मन्त्रों का अर्थ और उनकी शक्ति

“ओश्य नमो नारायणाय सर्व लोकान मम वश कुरु कुरु स्वाहा”

यह एक सब लोगों को वश में करने का मन्त्र है ! इसका अर्थ है- में नारायण को नमस्कार करता हूँ वह सर्वा शक्तिमान नारायण सब लोकों को मेरे वश में कर |

इस उदाहरण के लिखने से मेरा तात्पय यह हे कि प्रायः सभी मन्त्र किसी देवता विशेष के पआ्राथना वाची होते हैं, जिनका अथे भी प्रायः वही निकलता है, जो प्राथी या साधक की कामना से सम्बन्ध रखता है ।

शंका – यदि मन्त्र का अथ्थ साधक की भावना का ग्राथना रूप में प्रकट करना है, तो क्‍या कोई साधक अपनी भाषा के सीधे सादे शब्दों में उसे प्रकट नहीं कर सकता ? ओर क्‍यों उससे कार्य की सिद्धि नहीं हो सकतीं !

समाधान – अवश्य यदि कोई मनुष्य शब्दों का मूल्य और प्रभाव जानता है, तो उसके द्वारा की गयी आता के द्वारा भी कार्य सिद्ध हो सकता है और होता भी है।

कुछ अचूक और प्रसिद्ध वशीकरण टोटके

  • कद लोके के बीजों के तेल में कपड़े की बत्ती डालकर काजल बनाया जाय ओर उसे आंख में लगाया जाय ।
  • अपा मार्ग, काला भांगरा ओर लाजवन्ती-इन तीनों की इकरंगी गाय के दूध में पीस कर तिलक करे ।
  • बेल-पत्र और दोनों चंदन कपिला गाय के दूध में घिस कर तिलक करना चाहिये।
  • तुलसी-पत्नों को साया में सुखा से | फिर अश्व- गन्ध ओर भंग उन्हीं के समान तोल में लेकर कपिला गाय के दूध में पीसे ओर गोलियाँ एक माशे के लग- भग वजन में बनाले। इन गोलियों को इक्कीस दिन सुबह-शाम खाये ।
  • तुलसी-पत्र ओर सहदेवी को पान के रस में घिस कर तिलक करे |
  • गूलर पुष्पों की बत्ती बनाकर कपिला गो के घी में डाले ओर काजल बनाकर आंख में लगाये।
  • सफेद आक की जड़ ओर सफेद चंदन पीस कर सर्वाज्ञ लेप करे |
  • सुदर्शन की जड़ पुष्य नक्षत्र, रविवार को लाये ओर उसे कपूर तथा तुलसी-पत्रों में मिलाकर पीस ले । फिर किसी कपड़े की बत्ती बनाकर उस पर उन तीनों पिसी हुई वस्तुओं को लपेट दे । तत्पश्चात विष्णुकांता के तेल में उस बत्ती को भिगोकर काजल बनाये । ऐसे काजल ‘ आँख में लगाने से राजेश्वर भी वशीभ्रृत हो सकता ।
  • बिल्व-पत्र ओर बिजोरे के पत्तों को बकरी के दूध में पीस कर तिलक करने से वशीकरण होता हे।
  • जिस सत्री को वश में करना हो, उसके बांयें पैर के नीचे की मिट्टी लेकर अपनी अनामिका अंगुली के लह में साने और उस मिट्टी से मूर्ति बना कर भूत्ति पर उस ख्वी का नाम लिखे। नाम भी रक्त से ही लिखना चाहिये। फिर उमर मूर्ति को मूत्र-स्थान में डाल कर उस पर सदेव पेशाब करता रहे । दर से दूर होने पर भी वह साधक के पास आ जायगी।

👇 इस वशीकरण मंत्र का एक लाख बार जाप करे 👇

ओशम नमः कामाय स्वजन प्रियाय सर्बजन संमोहाय ज्वल ज्वल प्रज्वलाय से जनस्य हृदय॑ मम वश कुरु कुरु स्वाहा!

👇 इस वशीकरण मंत्र का १०८ बार जप करे 👇

ॐ नमो नमी कद सम्बारीन स्व लोकबश्य करी स्वाहा ।

👇 इस वशीकरण मंत्र की सवा लाख बार जप करके सिद्धि होने के पश्चात्‌ तुलसी-पत्र, पान ओर चंदन पीस कर इसी मंत्र को एक सो आठ वार अभिमंत्रित करके तिलक लगाना चाहिये 👇

ॐ नमो कन्द शर विजालिनी मालिनी सर्वेजगत्‌ वर्श कुरु कुरु स्वाहा ।

👇 यह वशीकरण मन्त्र बीस हजार बार जपने से सिद्ध होता है। फिरअपराजिन की जड़ ओर गोरोचन पीस कर इस मन्त्र से १०८ बार अभिमन्त्रित करके तिलक लगाना चाहिये अथवा” ‘अपमार्ग के बीज सफेद बकरी के दूध में घिस कर १०८ बार अभिमन्त्रित करके तिलक करना चाहिये। 👇

ॐ नमो नारायण भगवते वासुदेवाय सर्व लोकान्‌ मम वर्श कुरु कुरु स्वाहा ।

राज-वशीकरण

ॐ हीसः अशुक्रमेवश मानस्य स्वाहा |

☝️ पहले इस मन्त्र को सवा लाख बार जपकर सिद्ध करें फिर चन्दन कपूर, तगर को बकरी के दूध में घिस कर इसी मन्त्र के द्वारा (१०८) बार अभिमन्त्रित करके तिलक करके राजा से मिलने जाय, राजा वश में हो जायगा | या चन्दन, कु कुम, गोरोचन, कपूर को गो के दूध में पीस कर इसी मन्त्र से १०८ बार अभिमन्त्रित करके तिलक लगाये ।

पुरुष वशीकरण मंत्र

यदि कोई स्त्री नीचे लिखे हुए मन्त्र को सवा लाख बार जप करके सिद्ध करले ओर फिर इसी मन्त्र से १०८ बार अभिमन्त्रित किये हुए गोरोचन तथा मछली के पिच के मिश्रण का पुरुष को तिलक लगादे तो वह पुरुष वश में हो जायगा !

मंत्र – ओश्म काम मालिनी स्वाहा

☝️ यदि ऊपर लिखे हुए मन्त्र को सवा लाख बार जप कर सिद्ध कर लिया जाय | फिर जिस पुरुष को बश में करना हो, उसकी मूर्ति मोम की बनाकर उसी पर उसका नाम लिख दिया जाय ! फिर इसी मंत्र को जपते हुए मूर्ति को आग द्वारा पिघलाया जाय तो वह पुरुष वश में हो जायगा |


ओशय हूँ हूँ स्वाहा!

☝️ इस मंत्र को दस हजार बार जपने से सिद्धी हो जाती है। फिर लाल करवार की लकड़ी मृगशिरशा नक्षत्र में लाकर नौ अंगुल तोड़ से ओर ऊपर लिखित मंत्र से सात बार अभिमंत्रित करके जिस पुरुष का नाम लेकर जमीन में गाड़ी जायगी, वही [विशेष कर पति] वश में हो जायगा |

ॐ नमो महा यक्तिरये मम पति वश्यम कुरु कुरु स्वाहा ।

☝️ यह मंत्र सवा लाख बार विधि-पू्वक जपने से सिद्ध होता है। फिर तगर, कूट जठामांसी और राई के फूल समान भाग में लेकर उनका चूर्ण करे तथा इस मंत्र से १०८ बार अभिमंत्रित करके पुरुष पर डाल दे या गोरोचन, यो कानि रुधिर ओर मेन्शिल बराबर पीस कर इस मंत्र से १०८ बार अभिमंत्रित करके पुरुष को तिलक करे |

ॐ चिम्र चिम्र्‌ स्वाहा ।

☝️ यह मंत्र पच्चीस हजार बार जपने से सिद्ध होता है। फिर इसी मंत्र द्वारा सात बार जल की अभिमंत्रित करके जिसका नाम लेकर पान किया जायगा, बही वश में हो जायगा। चाहे अपना पति हो, या न हो |

ओ श्म अमूली महागृली घुट’ सब संत्तेत्र जेनो यद्भम्वेयः स्वाहा ।

☝️ इस मन्त्र को जिसका नाम लेते हुए एक मास तक निरन्तर जपा जायगा, वही वश में हो जायगा ।

भद्काली वशीकरण मंत्र कवच

 क्री क्रीं क्रीं उम्र प्रभे विकट दंष्टे पर पक्ष मोहय मोहय सर्वे जगद्दश मानय ओश्मू नमः स्वाहा ।

☝️ उपयुक्त मन्त्र भद्रकाल्ली कवच कहलाता है। इसे भोज पत्र पर गोरोचन से लिखकर सोने या तांबे के ताबीज में रखे ओर गत्ते या दायीं भ्रुजा में धारण करे तो विश्व वशीकरण हो | किन्तु ध्यान रहे कि इसे पहले सवा लाख जप कर सिद्ध कर लिया जाय ओर इसी से १०८ बार अमिम॑त्रित करके इसे भोजपत्र पर लिखकर धारण किया जाय |

शिव वशीकरण मंत्र

ॐ भवाय जल भ्त्तेये बढुकात्मने शिवाय नमः।

☝️ इस मंत्र के द्वारा शिव-लिंग को अर्घ दे तथा आचमन कराये ओर फिर स्नान कराते हुए निम्नलिखित मंत्र पढ़े ।

ॐ क्र कीं कूः स्वाह्य विवादे पातु मां सदा । क्लीं दक्षिण कालिका देवतायें सभा मध्ये जय प्रदा । हीं को कीं क्लीं त्रिलोक्यं वश मानाय ओम नमः स्वाहा ।

☝️ उक्त मोहन-कवच को विधि पूर्वक सवा लक्ष जप करके भोज-पत्र पर गोरोचन से लिखना चाहिए। फिर इसी मन्त्र से १०८ बार अमिमंत्रित करके सोने या तांबे के ताबीज में बन्द करके शिखा, दायीं श्रुजा या कंठ में धारण करना चाहिये | इस कवच से न केवल विश्व-बश में होगा, अपितु साधक सदैव निरोग, प्रसन्‍न, धनी, विजयी ओर सिद्ध काये रहेगा

कामाख्या वशीकरण मंत्र

ॐ नमः कामाख्या देवी अप्लकी मे वश्य॑ कुर कुरु स्वाहा !

यह मन्त्र सवा लाख बार जपने से सिद्ध हो जाता है । सिद्ध होने पर नीचे लिखे प्रयोगों में से किसो एक को इसी मन्त्र से १०८ बार अभिमन्त्रित करके अपना कार्य सिद्ध करे ।

सबसे शक्तिशाली आकर्षण मंत्र

ओम नमो काम देवाय अप्कास्या कप कुरु कुर स्वाहा ।

यह मंत्र सवा लाख बार यथा विधि जपने से सिद्ध हो जाता है | सिद्धि के पश्चात्‌ निम्नलिखित प्रयोगों में से किसो एक को इसी मन्त्र से १०८ बार अभिमन्त्रित करके अपना अश्ीष्ट प्राप्त कर । “अग्नुक! के स्थान पर उसका नाम लेना चाहिये; जिसे साधक अपनी ओर खींचना चाहता है ।

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