गर्भधारण मंत्र- जिस स्त्री को गर्भ न रहता हो तो उस स्त्री को के बाद नहा-धोकर मृगछाला पर पवित्र मन से बैठकर संतान प्राप्ति का संकल्प करना चाहिए। फिर 108 बार मंत्र पढ़कर रात में संभोग करती है तो स्त्री को गर्भ रहता है।

मंत्र

ॐ हीं उलजाल्य ठं ठं ॐ अमुकी।
सपुष्यां कुरू कुरू स्वाहा।।

इस मंत्र को प्रयोग करने से पूर्व दस हजार बार जपकर सिद्ध कर लेना चाहिए। तत्पश्चात प्रयोग के समय शंखाहली सवा तोले की मात्रा में लेकर उपरोक्त मंत्र से 108 बार अभिमंत्रित कर बंध्या स्त्री को पिलानी चाहिए। इस प्रकार अभिमंत्रित किया हुआ शंखपुष्पी का ताजा रस नियम से एक सप्ताह तक पिलाना चाहिए और आठवें दिन सहवास करें तो गर्भधारण करने की पूरी-पूरी संभावना रहती है।

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