जिस मंत्र का प्रयोग कलह पैदा कराने के लिए किया जाता है उसे बिद्वेषण मंत्र कहा जाता है।
अमावस्या की रात्रि में श्मशान में साबुत काले उड़द को मिट्टी के पात्र में
पकाकर बाद में धूप में सुखा लेते हैं, फिर रविवार के दिन मंत्र से अभिमंत्रित कर उडद को जिस किसी मकान में डाल देते हैं, वहीं झगड़ा शुरू हो जाता है।
मंत्र
आं क्रीं क्रै क्रीं क्रां क्रां क्रां।
सफरे सफरे धां धों ठः ठः।
बिल्ली के नाखून, कुत्ते के बाल को लेकर उपरोक्त मंत्र से अभिमंत्रित कर जिस स्थान पर डाल देते हैं वहां झगड़ा होने लगता है। सीही नामक जानवर के कांटों को भी मंत्र से अभिमंत्रित कर जिसके घर में गाड़ दिया जाए वहां झगड़ा शुरू हो जाता है।
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