कुछ लोगों को ज्वर से बहुत दिनों तक कष्ट होता है। रोगी दवा खाते-खाते परेशान हो जाता है, परंतु मुक्त नहीं हो पाता।

ॐ नमो भगवते रुद्राय शूल पाणये।
पिशाचाधिपतये आवश्य कृष्ण पिंगल फटू स्वाहा।।

इस मंत्र को कागज पर कोयले से लिखकर दाएं हाथ में बांधने से ज्वर नष्ट हो जाता है।

मंत्र

श्रीकृष्ण बलभद्रश्च प्रद्युम्न अनिरूद्र च ।
उषा स्मरण संत्रणे ज्वर ब्याधि विमुच्चते ।

इस मंत्र को भी कागज पर लिखकर गले में बांधने या पाठ करते रहने से ज्वर का नाश होता है। जब ज्वर आता हो तो आने वाले दिन रोगी किसी पीपल के वृक्ष में धागे को लपेटते हुए कहता जाए कि मेरा मेहमान आए तो तू ही संभाल लेना, तो ज्वर पुनः नहीं आता।

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