इस मंत्र को बार-बार पढ़कर बच्चे के ऊपर हाथ फेरने या कुशा से जल
छिड़कने से सभी प्रकार की बीमारियां दूर होती हैं।

मंत्र

ऐं हीं क्लीं बालग्रहादिः, भूतानां बालानां शान्तिकारकम् ।
संथातभेदे च नृणामः, मैत्रीकरणमुत्तमम् क्लीं हीं ऐं ।।

जिन बच्चों को पेट की बीमारी होने लगे, उनके लिए इस निम्न मंत्र को सात बार पढ़ते हुए भस्म को अभिमंत्रित कर बच्चे के पेट पर मलने से लाभ होता है।

Call for Free Consultation +91-8448976749

Realtime Website Traffic