उच्चाटन मंत्र का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी का मन उसकी प्रिय वस्तु से या किसी कार्य से हटाना हो।

मंत्र-
ऊ घं घूति ठः ठः स्वाहा।

इस मंत्र को एक हजार एक बार जप करने से यह सिद्ध हो जाता है। प्रयोग के समय (कचालू) का डंठल लेकर 108 बार हवन करने से उच्चाटन हो जाता है।

मंत्र-
ऊं हूं हं बां हूं हं ठः ठः स्वाहा ।

प्रयोग के समय कौवे की चार अंगुल लम्बी हड्डी लेकर एक हजार बार मंत्र पढ़कर जिसका उच्चाटन करना होता है उसके घर में केवल गिरा देने से उच्चाटन हो जाता है।

मंत्र (नाम जिसका उच्चारण करना हो)-
श्रीं श्रीं अमुक शत्रु उच्चाटन स्वाहा।

इस मंत्र को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र से कुंकुम की सात अंगुल लम्बी लकड़ी को 108 बार पढ़कर शत्रु के द्वार पर गाड़ देने से उच्चाटन हो जाता है।

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